नवरात्र के व्रत में क्या खाए?

नवरात्र के व्रत में क्या खाए?

स्वास्थ्य की दृष्टि से शारदीय नवरात्र बहुत ही खास है औरशीत रितुओं का संधिकाल हने की वजह से पित्त प्रकुपित होता है। पाचन तंत्र कमजोर रहता है । एसीडीटी और भूख में कमी इस समय शरीर में पाचन तंत्र संबधी हद्य और स्नायतिक समस्या उतपन्न करते है
साथ ही रितुओं का संधिकाल होने से शरीर का डिटोक्सीफिकेशन जरुरी होता है
क्यों और कैसे हो व्रत का आहार?
इन दिनों हमारा पाचन तंत्र कमजोर होता है अत हमारा डायट हाईफाइबर लो फैट तथा moderate protein high carbohaydrate युक्त होना चाहिए । इन दिनो त्वचा की खुशकी की समस्या आम है इसलिए plenty of foods के साथ तले भुने मीठे सुपाच्य कम मसालों वाले रेशेयुक्त डायट प्लान जरुरी है सामान्य दूध की जगह स्किम्ड दूध का प्रयोग करना चाहिए
जो नौ दिनों का व्रत रखते है उन्हें भी सारे काम करने के लिए आवश्यक कैलोरी की मात्रा ( 1800-2200) कैलोरी चाहिए
सामान्यत उन दिनो केवल नींबू पानी लेना बिल्कुल आहार ना लेना से बचना चाहिए । इस तरह व्रत करने से पेट की कमजोरी , थकान रक्तचाप,चिडचिडाहट की समस्या हो सकती है । पूरा दिन कुछ भी नही खाने से या दूध लेने से गैस्ट्टाइट्स,एसीडिटी और जलन की शिकायत में वृद्दि हो ती है । इसलिए लंच और डिनर में संतुलित आहार, कूटू या सिघांडे के आटे की चपाती, साबूदाने की खीर, या खिचड़ी या घीया, सीताफल, आलू की रेशेदार सब्जी लें। दिन भर में तीन बार साबुत फल या फ्रूट सलाद लेनी चाहिए , साथ ही 4-6 बार सूखे मेवों के साथ जूस, दूध, शेक और नारियल पानी की डाइट को अवश्य शामिल करें
फलों का कैसे करें चुनाव- व्रत में अधिकांश लोग फलाहार करते है । खट्टे फल जैसे संतरा, मौसमी, नींबू , मौसमी आदि का प्रयोग ना करें अथवा इन्हें संतुलित मात्रा में केवल दोपहर में लें , एक ही प्रकार के फल की जगह मिक्स फ्रूट लेना बेहतर रहता है ताज फलों का प्रयोग करें । देर के कटे,खुले में रखें या कड़ेवे स्वाद वाले फल बिल्कुल ना लें
लिक्विड डाइट पर उपवास- कुछ लोग सिर्फ लिक्विड डाइट पर ही उपवास रखते है। प्रधानमंत्री मोदी के बारे में भी कहा जाता है कि वो नवरात्र के दौरान लिक्विड डाइट पर रहते है ..हमन आपको बता दें कि लिक्विड डाइट पर व्रत किया जा सकता है लेकिन कैलोरी 1800-2200 मैनेटेन रहनी चाहिए, इसके लिये नियमित अंतराल पर फलों के शेक , नारियल पानी, हर्बल टी, और रंग बिरंगे जूस प्रयोग किये जा सकते है , दही छाछ , खट्टी लस्सी बिल्कुल नही लेनी चाहिए
तले आहार जहर सामान- सामान्यत देखा गया है कि लोग व्रत में कूटू के आटे की तली पूरियां, तले हुए आलू, केले के चिप्स,साबूदाने के पापड खूब खाते है क्योंकि इस समय पाचन कमजोर रहता है तली भुनी चीजें अपेक्षाकृत कम श्रम के कारण वजन में अस्वाभिवक वृद्दि के साथ ही पाचन संबधी अनेक परेशानियों का कारण बन जाती है इसलिए व्रत मे संतुलित आहार के साथ संयमित आहार लेना चाहिए
व्रत में कैसी हो आपकी आहार तालिका- सुबह( 6.30-7) हर्बल या ग्रीन टी, या बिन दूध की चाय
नाशत्- ( 8.8.30)-बनाना शेक, एपल शेक विद ड्राई फ्रूटस तथा दो आलू या साबूदाने की टक्की
10.30 -11- फ्रूट जूस नारियल पानी
लंच-( 1.30 -2) कूटू के आटे की चपाती या संबा चावल
सब्जी घीया, सीताफल आलू
फ्रूट सलाद, मीठी छाछ
इवनिंग- ( 5.5.30) रोस्टड पोटाटो,बनाना चिप्स,भुने मेवे विद टी
डिनर 8.8.30- साबूदाने की खिचड़ी, लंच की तरह पूरा आहार और फ्रूट सलाद
पोस्ट डिनर-शहद युक्त घर में तैयार गुनगुना फ्लैवर्ड मिल्क( केसर, इलायची, बादाम)
कूटू क्यों है जरुरी? कूटू के प्रति 100 ग्राम में अन्य अनाजों की तुलना में थायमिन, नायसिन, राइबोफ्लेविन की मात्रा सर्वाधक होती है, साथ ही लौ फेट कूटू के 100 ग्राम, प्रटीन, डायचरी, फाइबर मिनरल्स,323 किलोकौलोरी ऊर्जा 100 ग्राम कूटू देता है पर कैलशियम तथा आयरम की जितनी संतुलित मात्रा कूटू में है उतना किसी अन्य पदार्त में नही
डायबिटिक ब्रती कैसे रखें अपना ख्याल- डायबिटिक को अपने डाइट का विशेष क्याल रखना चाहिए उन्हें हाई फाइबर , हाई प्रोटीन युर्त परुंतु लौ फेट और कम कार्बोहाइड्रेट वाला आहार लेना चाहिए । स्किम्ड दूध से भने भोज्य पदार्थ बिना चीनी के लें । लंच और डिनर में कूटू की चपाती अवश्य लें । आलू की टिक्की की जगह साबूदाने की टिक्की ले सकते है
अगर गर्भवती महिला व्रत करना चाहे तो- गर्भवती महिलाओं को आयरन, कैल्शियम, प्रोटीन युक्त आहार लेना चाहिए, कुट्टू इसका बेहतर स्त्रेत है। उन्हें भूखा बिल्कुल नही रहना चाहिए। नार्मल डाइट( कुट्टू का आटा, संबा चावल, सिंघाडे का आटा,आलू , केला घीया, के साथ नियमित अंतराल पर मेलों के साथ हेल्दी लिक्विड डाइट लेती रहनी चाहिए
अगर बीच में पड़ जाए बीमांर तो फिर क्या करें- बदलता मौसम होने की वजह से बीमार होने की संभावना रहती है । व्रत के बीच में अगर सर्दी, खासी, जुकाम हो जाए और व्रत छोड़ना नही चाह रहे तो गुनगुना पानी नियमित तौर पर पीते रहे । केला, अमरुद,संतरा,मौस,मी, दही छाच, लस्सी का बिल्कुल सेवन ना करें । दवाओं के लिए आवश्यक अनुशासन का पालन करें
तो फिर आइए संतुलित और संयमित आहार तालिका से इस नवरात्र को बनाएं खास, शारदीय नवरात्र और दशहरे की हार्दिक बधाई