सदन में इस बार पारित हो जीएसटी

सदन में इस बार पारित हो जीएसटी

संसद का मानसून सत्र दस्तक देने वाला है और समूचे अर्थ जगत और व्यापारियों की निगाह जीएसटी बिल पर है। प्रशन यही है कि क्या जीएसटी बिल इस बार सदन में पास हो सकेगा। पिछले दो साल की घोषणा के बाद कई सत्र संसद के निकल चुके है लेकिन जीएसटी बिल हमेशा हंगामें और राजनीतिक स्वार्थ की भेंट चढ गया। अगर सही ढंग से आकलन किया जाए तो कोई भी राजनितिक दल महत्वपूर्ण प्रश्नों पर गंभीर नजर नही आता है। अब क्योंकि कांग्रेस शासन के वक्त बीजेपी ने इसका विरोध किया था तो अब बीजेपी की सत्ता के वक्त कांग्रेस हंगामा कर रही है। ये सियासत इतनी हावी हो गई है कि राष्ट्रीय महत्व और देश हित के मुद्दो पर भी तलवारें खिंच रही है.. अगर सारे राजनितिक दल बैठकर देश के सामने रखकर किसी भी विषय की तरफ सोचे तो एक हि दिन में बिल पारित हो सकेगे। अगर ये काम राजनितिक दल नही कर सकते तो फिर देश की संसद में बैठने का इन्हें कोई हक नही। इसलिए सरकार को भी अबकी बार हर हाल में जीएसटी पारित कराना होगा। देश का व्यापारी वर्ग चाहता है कि व्यापार की सही नीतियां देश में बने.. आज भी टैक्स इंसप्केटर का खौफ व्यापारियों के मन में हमेशा रहता है। हर जगह रिश्वत का खेल खुलेआंम चल रहा है। सही और व्यवाहिरक नीतियां देश में बनेंगी तो हर कोई समर्थन करेंगा। प्रधानमंत्री जी ने भी कहा था कि सत्ता में आने पर काले कानूनों को बदलेंगे ,लेकिन कोई ठोस प्रगति इस दिशा में नजर नही आ रही है। हालांकि प्रधानमंत्री की मंशा बेहतर गर्वनेंस देने की है लेकिन उसके लिए समूचे सरकारी तंत्र को सुव्.वस्थित और पारदर्शी, जवाबदेह बनाना होगा तभी किसी कानून को अमली जामा पहनाया जा सकता है। सिर्फ राष्ट्रीय व्यापार नीति ही नही अंतरार्ष्ट्रीय व्यापार नीति को भी भारत के परिदृश्य में लाना होगा। चीन को ज्यादा भाव देने का नतीजा हमने देख लिया। सुरक्षा परिषद में भारत को स्थायी सदस्यता देने पर दुनिया भर में माहौल बन रहा है तब चीन ने उसमें अडंगा डालकर वातावरण को खराब करने का प्रयास किया है। क्या ऐसे देश पर भरोसा किया जा सकता है। चीन का तो इतिहास ही काला रहा है कि कैसे उसने भारत की पीठ में छुरा घौंपा था। ये ठीक है कि कई मसले कूटनितिक तरीके से हल होते है कयोंकि चीन की सामरिक ताकत भी मजबूत है वहां के नागरिक अपने देश के लिए गंभीर है। भारत यूं तो हर तरह से चीन को जबाब देने में सक्षम है .. लेकिन फिर भी कई ऐसे तरीके है जिससे चीन की कमर तोड़ी जा सकती है। सिर्फ चाइनीज समाना का बहिष्कार कर चीन को मूंह तोड जबाब दे सकते है। चाहे सरकार कतनी भी लचीली व्यापार नीतियां बना ली लेकिन अगर देशवासी ठान ले कि हम चीनी उत्पाद प्रयोग नही करेंगे तो चीन परास्त हो जाएगा । इसलिए एक और चीन के सामान का बहिष्कार और दूसरी तरफ अत्याधुनिक तकनीक के लिए भारत में सरकार की ओर से माहौल बनाना ये सरकार और देशवासियों की जिम्मेदारी है। चीन से आने वाले सारी वस्तुए भारत में ही बने.. इसका कोई रास्ता भारत के वैज्ञानिक और इंजिनियर खोज सकते है क्या.. अगर ऐसा कर लिया तो चीन की हिम्मत नही कि वो आंख उठा कर भी देख सके। भारत की ताकत का लोहा दुनिया मान नही है। योग के जरि.ये भारत ने समूचे विश्व को अपनी शक्ति का अहसासा करा दिया है। बस अब जरुरत है भारत के व्यक्ति की सोच .. मेरा हर कदम भारत को ऊंचा उठाने के लिए बढना चाहिए,.. मेरा लक्ष्य हर भारतीय को सबल, संपन्न बनाने का होना चाहिए यही देशभक्ति का भाव ही भारत को अपने गौरव को प्राप्त करा सकता है। वैश्य भारती के लिए कुछ नये सुझाव हो तो जरुर भेजियेगा..
वंदेमातरम !!!
आपका
हितेष जिंदल
चीफ एडिटर  - E-Mail - vaishbharati@gmail.com